Chunar is an ancient town.It has a great influence in history.It is connected to Varanasi, the ancient and pilgrimage city also well known as Kashi or Benaras, by roads and rails.
चुनार स्टेशन बस अड्डा पहाड़ ऊपर एक बहुत ही पुरानी हवेली है जो की अब खंडहर हो चूका है यह ईमारत पुरे चुनार और खास तौर से चुनार किले से भी दिखती है |
चुनार के बहुत से लोग यहाँ गए होंगे बहुत से लोग नहीं गए होंगे..जो लोग नहीं गए है यहाँ जाने के बाद यहाँ का नजारा बहुत ही खूबसूरत और बहुत ही सुकून देने वाली लगती है लकिन पर यहाँ जाने का रास्ता नहीं है इस लिए आपको अगर जाना है तो पाहड़ो पे चढ़ कर यहाँ पहुंचना होगा|
यहां के बारे में मुझे बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी ये हवेली कब बना था इसमें कौन रहता था इस हवेली को किसने बनवाया था मुझे नहीं पता था इसके लिए मैंने इस खँडहर हवेली जिसको को बंगाली हवेली भी कहते है उसपे अपने लेवल पे जानकरी जुताई जिसे में आप सबके सामने रख रहा हु |
इस हवेली के बारे में दो तरह की बाते या तो कह ले किदवंतिया मुझको मालूम चली जिसे मई आप सबके सामने रख रहा हु |
१- वारेन हेस्टिंग्स का बंगला ||
दुर्गा जी पहाड़ियों पे स्थित इस बंगले को कुछ लोग वारेन हेस्टिंग्स का बंगला भी कहा जाता है कई लोगो के द्वारा यह बताया गया की हैं पुराने समय में कि इसमें वारेन हेस्टिंग्स की बेटी रहती थी।
उसे
चुनार के जंगल बहुत पसंद आ गए थे , वह यहां से नहीं गई तो बेटी की जिद को मानते हुए और उसकी सेफ्टी के लिए यह
बंगला बनवा दिया गया था ।लेकिन बाद में कोई शेर वारेन हेस्टिंग्स की बेटी का शिकार कर गया तब से आज तक यह बंगला है यूं ही वीरान पड़ा रहा | जिसे बाद में कई जमींदार और पत्थर के व्यपारियो ने रात में रुकने के लिए इसका इस्तेमलाल किया |
२- बंगाली बंगला चुनार ||
जैसा की आप सभी जानते है चुनार छेत्र पथररो के लिए बहुत प्रसदिध है और यहाँ पहाड़ो से पत्थर गँगा जी के द्वारा देश भर में इस्तेमाल हुए है इसी क्रम में जहां तक मेरी जानकारी है,,ये बंगला बंगाल प्रदेश के एक बहूत बड़े व्यवसायी का
था, जो चुनार क्षेत्र के पत्थरो को नक्काशी करा कर बंगाल और पूर्वोत्तर के
राज्यो में भेजते थें |
इनके फर्म का नाम बंगाल स्टोन कम्पनी था, इसी बंगले में इनका व्यवसायिक कार्यालय था और
जिस पहाड़ पर यह बंगला स्थित है उसी पहाड़ पर पत्थरों की ढुलाई के लिए एक
रेलवे लाईन हुआ करती थी, जिस पर तत्कालीन समय में मालगाड़ी आती जाती थी |
उस
रेलवे लाईन का फाउंडेशन आज भी है, चचरी मोड़ चुनार, या नई रेलवे कालोनी के
पिछे, देखा जा सकता है, बुजुर्गों से जानकारी मिली थी की स्टोन के मालीक
के इकलौते पुत्र की मौत उपरोक्त बंगले में सर्पदंश के कारणवश हो गई,और
फिर धीरे धीरे कम्पनी बन्द हो गई |
यह तो रही दो बाते जो चुनार के इस रहस्य्मयी बंगाली बंगले के बारे में , इसके बाद मैंने जब जानने की कोशिश की वर्तमान में यह जमीन या बंगला किसके नाम पे है तो पता चला की यह बंगला मिर्ज़ापुर के किसी व्यपारी ने चुनार के जमुई के किसी व्यपारी को बेच दिया है |
और वह व्यपारी यहाँ पे हेरिटेज होटल बनानां चाहते है लेकिन वन विभाग से यहाँ जाने के लिए रास्ते के विवाद चल रहा है जिसके वजह से ही यहाँ जाने का कोई सही रास्ता नहीं है |
आप यहाँ दुर्गा जी साइड या चचेरी मोड़ साइड से पहाड़ी चढ़ कर यहाँ पहुंच सकते है और यहाँ जाने के बाद आपको एक अलग ही अनुभूति होगी जो थोड़ी डरवानी थोड़ी रोमांचकारी लगती है लकिन हा ये जगह बहुत प्यारी है जंगलो के बीच में जहा कोई बाइक कार नहीं जा सकती |
इस बंगले के पास एक बहुत बड़ा सा गढ़ा भी है जो की लगता है पानी निकलने या बारिश के पानी को इकठा करने के लिए बनाया गया होगा | लकिन पानी नहीं निकलने के वजह से ऐसे ही छोड़ दिया गया है इसको देखने के बाद आपको अलग ही अनुभूति होगी |
उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा | अगर आपके पास इस रहस्य्मयी चुनार के बंगाली बंगले के बारे में कोई जानकारी हो तो जरूर साझा करे , उसको हम इस लेख में सम्लित कर के सभी तक भेजने का प्रयत्न रहेगा |
फोटो क्रेडिट : अभिषेक कुमार
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We Created This Website To help the tourist and public to explore more about this place. Chunar is an ancient town.It has a great influence in history.It is connected to Varanasi, the ancient and pilgrimage city also well known as Kashi or Benaras, by roads and rails. Chunar is well known for its pottery work, especially clay toys.
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