बाबा सिदाथनाथ की दरी चुनार और चुनार के आस पास के छेत्र का बहुत प्रसिद्ध स्थल है । यहाँ प्राकृतिक रूप से जल 100 फ़ीट की ऊँचाई से धरातल पे गिरता है जिससे इससे देखना हम सभी का मन मोहक़ दृस्य हैं और तो और झरने के चारो ओर प्रकृतिक रूप से फैला पहाड़िया एंड पेड़ पौधे यहाँ की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते है।
इस प्राकृतिक जलप्रपात का नाम सिद्धनाथ बाबा के नाम पर पड़ा जो यहाँ साधना
किया करते थे। यह स्थल स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय
है। इसके अलावा लोग पुराने शैल चित्रों एवं नक्काशियों का अध्ययन करने के
लिए भी यहाँ आते हैं। यह प्राचीन शिला स्थल एवं झरना पुरातत्व काल से
अस्तित्व में है। इस जलप्रपात के पास बाबा सिद्धनाथ की दरी, समाधि स्थित
है।
सिद्धनाथ की दरी चुनार से 18 किमी दूर है वाया
रोड मार्ग आपको यहाँ आते समय सड़क के चारो ओर मनमोहक प्राकृतिक वतावराण
दिखयेगा जो की आपको एक अलग ही आनंद का असहास करियेगा। रस्ते में आपको दो और
टूरिस्ट प्लेस है जो की माता दुर्गा जी मंदिर और स्वामी अद्गदानादण्ड जी
आश्रम मिलेगा जो की चुनार छेत्र का प्रशिद्ध प्लेस है।
सिद्धनाथ की दरी के लिए कैसे पहुंचें
बाबा सिद्धनाथ की दरी पहुचना अब बहुत आसान है आप चुनार स्टेशन से राजगढ़ जाने वाले रस्ते के लिए पहुचे ।अगर आपके पास आप की अपनी गाड़ी है तो आप इसी रास्ते से लगबग 20 किमी आगे आप बाबा सिद्धनाथ की दरी पाउच जायेंगे। या तो आप चुनार स्टेशन से डेली चलने वाली बस या टेम्पो से बी आ सकते है।
सिद्धनाथ की दरी भ्रमण के लिए उत्तम समय
सिद्धनाथ की दरी घुमाने का सबसे बढ़िया मौसम सावन है । या तो आप जब बी बारिश हो यहाँ प्लान कर सकरे है। आप जब बी प्लानकरे ध्यान रखे मौसम सुहाना हो या फिर बारिश हुई हो।
Mai bhi ghumana chahata hu
ReplyDeleteNice
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